मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय द्वारा प्रदेश के जनजातीय चित्रकारों को चित्र प्रदर्शनी और चित्रों की बिक्री के लिये सार्थक मंच उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रतिमाह 'लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा' में किसी एक जनजातीय चित्रकार की प्रदर्शनी सह विक्रय का संयोजन शलाका नाम से किया जाता है। इसी क्रम में 3 मई, 2025 से भील समुदाय के चित्रकार श्री शरद मेड़ा के चित्रों की प्रदर्शनी सह-विक्रय का संयोजन किया गया है। 61वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी 30 मई, 2025 (मंगलवार से रविवार) तक निरंतर रहेगी। भीली चित्रकार श्री शरद मेड़ा का जन्म मध्यप्रदेश के जनजातीय बहुल झाबुआ जिले के एक छोटे से गाँव रेतालुंजा (पोस्ट- कुंदनपुर, तहसील- रानापुर) में हुआ, जो कि मध्यप्रदेश की पश्चिमी गुजरात सीमा से सटा हुआ है। आपके पिता स्व. तितरिया मेड़ा खेती-किसानी करते थे। जंगल-पहाड़ों से घिरे ग्रामीण वातावरण और प्रकृति के सान्निध्य में आपका बचपन गुजरा। आप स्नातक तक शिक्षित हैं। आपकी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म ग्राम में हुई, फिर आगे की शिक्षा आपने जनजातीय छात्रावास में रहकर प्राप्त की। मोबाइल : 96851 04486